जानिये ! आईवीएफ से पहले आपको किन बातो का ध्यान रखने की आवश्यकता है?
आईवीएफ (IVF) प्रक्रिया के लिए खुद को तैयार करना किसी भी दंपत्ति के लिए एक बहुत ही बड़ा निर्णय होता है। यह जानते हुए कि हमारा समाज इस प्रक्रिया को ले कर कितना पिछड़ा हुआ है (सबसे पहले आईवीएफ इलाज होने के 40 साल बाद भी), यह एक बहुत बड़ी बात है कि आप इस सब से आगे बड़ कर सही इलाज लेने का कदम उठा रहें हैं।
पूरा इंटरनेट
आईवीएफ की जानकारी से भरा हुआ है परंतु बहुत कम स्त्रोत हैं जो सही तरह से बताते
हैं कि आईवीएफ के लिए कैसे तैयारी की जाती है। किसी भी दंपत्ति के लिए बहुत ही
मुश्किल होता है कई ऐसे लेख पढ़ना जो आईवीएफ के बारे में बड़ी बड़ी बातें लिखते
हैं लेकिन आपको इस बात का उत्तर नहीं देते कि इस प्रक्रिया के लिए तैयार कैसे होते
हैं।
हम आशा करते हैं कि
इस लेख से आपको सभी सवालों जैसे – मैं अपने शरीर को आईवीएफ के लिए कैसे तैयार करूं? मानसिक रूप से आईवीएफ के लिए कैसे तैयारी करते हैं? और आईवीएफ प्रिक्रिया के दौरान क्या क्या सवाल पूछने चाहिए? आदि के जवाब मिलेंगे। ये सभी सवाल बहुत महत्वपूर्ण हैं और
हम आशा करते हैं कि आपको इन सभी के बारे में पता लग जाएगा, तो आईये जानते हैं हमे आईवीएफ से पहले आपको किन चीजें का
ध्यान रखने की आवश्यकता है?
आईवीएफ के लिए खुद को कैसे तैयार करें?
अगर आप पहले ही समझ
गए हैं की आईवीएफ हर शरण पर कैसे काम करता है, तो आप जानते होंगे
कि आईवीएफ प्रक्रिया में कई शरण होते हैं जिसमें डॉक्टर से परामर्श, खून जांचें, अंडों की उत्तेजना
(ovarian stimulation), अंडों को शरीर से
निकालना (Transvaginal Oocyte Retrieval), अंडों और स्पर्म को
तैयार करना (Egg and Sperm Preparation), अंडों और स्पर्म को
मिलाना (Egg Fertilizations), और इस मेल से बनने
वाले एंब्रियो को महिला के गर्भ में रखना (Embryo
transfer), आदि शामिल हैं। यह सब होने के दो हफ्ते बाद महिला का
प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है। यह सारे चरण सुनने में बहुत लम्बे और डरावने लग
सकते हैं परंतु आप निश्चिंत रहिए कि आपके डॉक्टर के लिए यह सभी प्रक्रियाँ उनकी
विशेषता हैं और उन्होंने इनमें महारत पाने के लिए कई साल मेहनत की है।
आईवीएफ में बहुत से
चारण होते हैं, इसलिए इसके लिए
शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक रूप से तैयार होना बहुत जरूरी है। इसके लिए बेहतर
है कि आप एक ऐसे प्रदाता चुने जो आपको हर चरण में मदद करे और आपके ऊपर से यह बोझ
हटा दे। आईवीएफ जंक्शन यह समझता है की यह प्रक्रिया आपके लिए कितनी डरावनी और
मुश्किल हो सकती है और आपको पूरी प्रक्रिया के दौरान मदद करता है। हम आपको बहुत से
रूप में मदद करते हैं जैसे – मानसिक तनाव को संभालना, आपके खान पान का ध्यान रखना, आर्थिक रूप में मदद
करना और आपको हर चरण पर सही राय देना। इस सबसे आपको इस प्रक्रिया से गुजरने में
बहुत सहायता मिलती है।
पूरी प्रक्रिया
होने में कुछ हफ्तों से कुछ महीनें भी लग सकते हैं और इसलिए यह जरूरी है कि आप एक
सही आईवीएफ क्लिनिक चुने। इसके साथ साथ यह जानना कि इस प्रक्रिया से आपको क्या
उम्मीद करनी चाहिए आपको इसके लिए भी तैयार बनाता है।
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आईवीएफ के लिए
शारीरिक तैयारी
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आईवीएफ के लिए
आर्थिक तैयारी
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आईवीएफ के लिए
मानसिक तैयारी
·
टेक आवे
आईवीएफ के लिए शारीरिक तैयारी
आईवीएफ की
प्रक्रिया के लिए जाने से पहले आप और आपके साथी को कुछ जांचें करवानी पड़ेंगी। यह
सब जांचें सुनिश्चित करती हैं कि आपके डॉक्टर आपके लिए सही इलाज ढूंढ सके। इससे यह
भी सुनिश्चित होता है कि डॉक्टर आपके बच्चा ना होने के कारण को ढूंढ कर ठीक कर
पाए। इनसे यह भी पता चलता है कि आपका खुद का बच्चा हो सकता है या फिर आपको एक डोनर
की आवश्यकता है।
अंडों की संख्या की जांच (ovarian
reserve testing)
आम भाषा में बोलें
तो ओवेरियन रिजर्व टेस्टिंग से यह पता चलता है कि महिला के शरीर में कितने अंडे
हैं जो एक कामयाब प्रेगनेंसी में बदल सकते हैं। सभी महिलाएं अंडों की एक संख्या ले
कर पैदा होती हैं और इन अंडों को संख्या और क्वालिटी बढ़ती उम्र के साथ कम होती जाती
है। ओवेरियन रिजर्व टेस्टिंग आपके डॉक्टर को आपका सही इलाज करने में मदद करती है।
ओवेरियन रिजर्व
टेस्टिंग में फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन (Follicle
Stimulating Hormone), एंटी मुलेरियन हॉर्मोन (Anti
Mullerian Hormone), इनहिबिन बी (Inhibin
B), बेसल एस्ट्राडियोल (Basal
estradiol) और एंट्रल फॉलिकल काउंट ( Antral
follicle count) का टेस्ट किया जाता है। इन जांचों से पता चलता है की क्या
आपके अंडे प्रेग्नेंसी में बदल सकते हैं या नही।
संक्रामक रोगों की जांच
आपके (और अगर कोई डोनर हो तो) खून की जांच की जाती है ताकि किसी
संक्रामक बीमारी का पता चल सके।
गर्भ का परीक्षण
अगर आपके डॉक्टर को
लगता है की आपके बांझपन का कारण गर्भ से संबंधित हो सकता है तो वो गर्भ का परीक्षण
करने के लिए कुछ जांच कर सकते हैं जैसे –
·
ट्रांसवेजिनल
अल्ट्रासाउंड
·
हिस्टेरोस्कोपी
·
सेलाइन
हिस्टेरोसोनोग्राफी
·
और
हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राफी
यह सारी जांचें कई
बीमारियों का पता लगा सकती हैं जैसे – पॉलीप्स (polyps),
अंतर्गर्भाशयी आसंजन, एंडोमेट्रियल
हाइपरप्लासिया (endometrial hyperplasia), गर्भाशय सेप्टा (septate uterus) और सबम्यूकोसल
फाइब्रॉएड (submucosal fibroids)।
स्पर्म का परीक्षण
इस जांच में पुरुष
के शुक्राणु का परीक्षण किया जाता है। इस टेस्ट में स्पर्म की संख्या, आकार, गतिशीलता, आदि का परीक्षण किया जाता है। एक आदर्श सीमिन सैंपल में 15 मिलियन शुक्राणु एक मिली लीटर सैंपल में होते हैं और इनमें
से 50 प्रतिशत शुक्राणु की गतिशीलता अच्छी होनी चाहिए और कम से कम
4 प्रतिशत शुक्राणु का आकार सही होना चाहिए। इसके अलावा और कई
चीजों की जांच की जाती है जिससे आपके डॉक्टर को पता चलता है की क्या यह स्पर्म
प्रेगनेंसी को जन्म दे सकते हैं या नहीं।
इन सभी जांचों के
बाद आपके डॉक्टर को यह पता चल जाता है की आपके अंडे और स्पर्म से एक प्रेगनेंसी बन
सकती है या नहीं, या आपको एक डोनर की
जरूरत है।
इसके अलावा जरूरी
है की आप एक सामान्य डॉक्टर और एक स्त्री रोग विशेषज्ञ से परामर्श कर लें ताकि अगर
बांझपन का कोई और कारण है तो वों भी सामने आ जाएं। पीसीओएस ( PCOS) जैसे कई बीमारियां हैं जिससे महिला को बांझपन हो सकता है। 30 प्रतिशत दंपत्ति में बच्चे नहीं होने का कारण पीसीओएस हो सकता है इसलिए यह बहुत जरूरी है की यह सारी
जांचें की जाएं।
आईवीएफ जंक्शन आपको
सर्वश्रेष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञों, भारत के सबसे अच्छे
आईवीएफ डॉक्टरों, आईसीएमआर अनुमोदित
केंद्रों, आईवीएफ उपचार
परामर्श और उपचार सहायता से विशेषज्ञ परामर्श प्रदान करता है। हम ऐसे केंद्रों के
साथ साझेदारी करते हैं जिन्होंने सफलता दर स्थापित की है और सर्वोत्तम विशेषज्ञता, विशेष प्रयोगशालाएं, नैतिक अभ्यास और
रोगी-केंद्रित हितों की पेशकश करते हैं।
हमारा फर्टिलिटी
लाइफस्टाइल मैनेजमेंट प्रोग्राम आईवीएफ जंक्शन द्वारा विशेष रूप से डिजाइन किया
गया एक प्रोग्राम है जो आपको आईवीएफ इलाज शुरू करने से पहले अपनी जीवन शैली को
बदलने करने में मदद करता है।
सबसे पहले एक
स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना शुरू करें –
·
धूम्रपान और शराब
का सेवन करना बंद कर दें।
·
रात को एक अच्छी और
पर्याप्त नींद लें।
·
रोजाना कसरत करें।
·
स्वस्थ भोजन ही
खाएं।
·
खूब सारा पानी
पीएं।
·
अपनी सभी दवाएं ठीक
से लें।
·
अपने वजन का ध्यान
रखें।
·
ऐसे पदार्थों से
दूर रहें जो आपके हॉरमोन के स्तर को बिगड़ सकते हैं।
धूम्रपान और शराब का सेवन करना बंद कर दें।
धूम्रपान और शराब
का सेवन आईवीएफ प्रक्रिया शुरू करने से पहले बंद कर देना चाहिए। यह आदतें आपके
स्वास्थ्य के लिए बुरी होने के साथ साथ आपके अंडों या स्पर्म पर भी बुरा असर करती
हैं। अगर आप बहुत समय से धूम्रपान करते हैं तो यह आदत छोड़ने का सही समय अभी है। आपके डॉक्टर
धूम्रपान छोड़ने में आपकी मदद करेंगे।
रात को एक अच्छी और पर्याप्त नींद लें।
नींद की कमी आपके
शरीर में बहुत तरह के असंतुलन पैदा कर सकती है जैसे शरीर के सोने जागने की प्रकिया, हार्मोन्स का संतुलन, आपका मन, और आपके शरीर के नॉर्मल काम करने की क्षमता। रोज रात को
अच्छी नींद लेना हार्मोन्स का स्तर ठीक रखने के लिए बहुत आवश्यक है।
रोजाना कसरत करें।
आपको कुछ हल्की
फुल्की कसरत जैसे टहलना, रोज करना चाहिए अगर
आपके डॉक्टर आपको अनुमति देते हैं तो। आप ऐसी कसरत से शुरू कर सकते हैं जो आपको
सक्रिय और प्रेरित रखें। कसरत करना आपके मूड को अच्छा रखता है और मानसिक तनाव को
कम करता है। ताज़ी हवा सेहत के लिए अच्छी होती है और थोड़ा टहलना भी आपके मूड को
अच्छा कर सकता हैं। लेकिन याद रखें कि अपने डॉक्टर से पूछे बिना कोई नई कसरत न
शुरू करें।
स्वस्थ भोजन ही खाएं।
अपने डॉक्टर द्वारा
बताया गया अच्छा भोजन ही खाएं। कुछ खाद्य पदार्थ आपका स्वस्थ बनाते हैं और आपको
सभी जरूरतमंद पोषण देते हैं। आपके शरीर को कभी भी आवश्यक पोषक तत्वों जैसे
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट्स, विटामिंस, मिनरल्स और फाइबर की कमी नहीं होनी चाहिए। नियमित रूप से
स्वस्थ खाद्य पदार्थ खाना यह निश्चित करेगा की आपको कभी भी किसी पोषक तत्व की कमी
न हो। बाहर के पैकेज्ड खाने को कम ही खाएं क्युकी ऐसे खाद्य पदार्थों में ट्रांस –
फैट्स की मात्रा ज्यादा होती है। एक नियमित आहार लेना, एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है।
खूब सारा पानी पीएं।
आप जानते हो होंगे
की हमारे शरीर का लगभग 60 प्रतिशत भाग पानी
से बना हुआ है। नियमित रूप से पानी पीना हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है ताकि
शरीर में पानी की कमी न हो। आपको कोशिश करनी चाहिए की आप केफीन (caffeine) से भरी हुई चीज से दूर रहें और ज्यादा स्वस्थ चीजों को
चुने।
अपनी सभी दवाएं ठीक से लें।
आपके डॉक्टर आपको
कुछ सप्लीमेंट्स दे सकते हैं अगर उनको लगता है कि आपको उनसे फायदा होगा। और यह
बहुत जरूरी है कि आप उन्हें सही तरह से लेते रहें। दवाएं जैसे जिंक, फोलिक एसिड, कैल्शियम, और मैग्नीशियम आपको दी जा सकती हैं। इस बात का ध्यान रखें
की यह बहुत जरूरी है कि आप यह दवाएं बिलकुल वैसे ही लें जैसे आपके डॉक्टर ने बताया
है। सप्लीमेंट ओवरडोज (supplement overdose) एक ऐसी स्तिथि है
जिसमे इन दवाओं की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है और यह बहुत हानिकारक हो सकती है।
अपने डॉक्टर के मुताबिक दवाओं को लेना आपको इस स्तिथि से सुरक्षित रखेगा।
अपने वजन का ध्यान रखें।
सही वजन में रहना
बहुत जरूरी हैं। अपने डॉक्टर से बात करिए कि आपके लिए सही वजन कितना है और उसी
स्तर में रहने की कोशिश करें। आपके डॉक्टर आपको वजन बढ़ाने या घटाने में मदद कर
सकते हैं।
ऐसे पदार्थों से दूर रहें जो आपके हॉरमोन के स्तर को बिगाड़
सकते हैं।
कुछ पदार्थ जैसे
बीपीए (BPAs) और थेलेट्स (phthalates) शरीर में हार्मोन्स के स्तर को अंसांतुलित करते हैं। जरूरी
है की आप इन पदार्थों के बारे में जाने और इनसे दूर रहें।
आईवीएफ जंक्शन में
नेटवर्क पार्टनर हैं जो आहार प्रबंधन प्रदान करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि
आपको पता है कि आपके स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए वास्तव में क्या खाना चाहिए।
आईवीएफ जंक्शन के आहार प्रबंधन भागीदार सुनिश्चित करते हैं कि आपके आहार संबंधी
लक्ष्य आपकी आईवीएफ यात्रा के अनुरूप हों।
आईवीएफ के लिए आर्थिक तैयारी
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आईवीएफ एक महंगी
प्रक्रिया है और अकसर इस प्रक्रिया के आर्थिक पहलू के बारे में कोई बात नही करता।
अगर आप पहले से इस आर्थिक पहलू के बारे में सोचे तो जब तक आपका बच्चा इस दुनिया
में आएगा तब तक आपकी आर्थिक स्तिथि ठीक होगी।
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आईवीएफ का खर्चा
भारत और बाहर के देशों में कुछ चीजों पर निर्भर करता है।
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आईवीएफ एक बहुत ही
विशेषज्ञ प्रक्रिया है और इसमें बहुत सारे विशेषज्ञों की जरूरत होती है, जैसे – सर्वश्रेष्ठ आईवीएफ विशेषज्ञ, प्रजनन एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, नर्स, भ्रूणविज्ञानी और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की एक टीम। यह सारे
बहुत साल बिता देते हैं इन सब में महारत पाने में ताकि वो आईवीएफ कर सकें।
·
एंड्रोलॉजी लैब को
चलाने में बहुत सारे पैसे लगते हैं और इसलिए इनके द्वारा दी जाने वाली प्रक्रियां
भी महंगी होती है।
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आईवीएफ प्रक्रिया
के दौरान कई सारे टेस्ट्स, जैसे – खून की जांच, सोनोग्राफी, स्पर्म का परीक्षण, हिस्टेरोस्कोपी, आदि किए जाते हैं
ताकि बच्चा होने की संभावना बढ़ जाए।
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आईवीएफ प्रक्रिया
में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के खर्चे के बारे में भी सोचना होगा। इस भाग में
खर्चा कम करना सही नहीं होगा।
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जब आप आईवीएफ
प्रक्रिया के आर्थिक स्तिथि के बारे में सोचे, तो यह सवाल खुद से
जरूर करें कि क्या पैसे कम करने से मेरे स्वास्थ्य को कोई नुकसान तो नही पहुंचेगा? खर्चा कम करने के चक्कर में आपको कभी भी अपने स्वास्थ्य के
साथ समझौता नहीं करना चाहिए और हमेशा अच्छे और समर्थ विशेषज्ञों को ही चुनना
चाहिए। कोई भी कीमत आपके स्वास्थ्य से ज्यादा नहीं है।
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आईवीएफ जंक्शन ने
एक लागत कैलकुलेटर प्रदान किया है जो आपको शामिल वित्त का अनुमान लगाने में मदद कर
सकता है।
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हांलांकि पैसे के
बारे में सोचना जरूरी है, कुछ रास्ते हैं
जिससे आप इसका हिसाब लगा सकते हैं। आप कुछ विकल्पों के बारे में सोच सकते हैं जैसे
ईएमआई (EMI) और लोन। आईवीएफ
जंक्शन फर्टिलिटी प्रोग्राम और
अनुभवी काउंसलर की मदद से आपकी सामर्थ्य के अनुसार ईएमआई योजना का लाभ उठाने में
आपकी मदद कर सकता है।
आईवीएफ के लिए मानसिक तैयारी
जब आईवीएफ
प्रक्रिया की बात आती है तो सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले दो सवाल हैं कि मैं खुद को
आईवीएफ के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से कैसे तैयार करूं? ज्यादातर लोगों ने आईवीएफ चुनने से पहले सभी घरेलू नुस्खे
अपना लिए होते हैं। इसके साथ साथ यह प्रक्रिया बहुत लंबी और कठिन होती है, इसलिए यह आवश्यक है कि आप अपने मानसिकता का भी ध्यान रखें।
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इसके लिए आपको खुद
से कुछ सवाल करने चाहिए, जैसे –
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क्या मैं मानसिक
रूप में आईवीएफ के लिए तैयार हूं?
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क्या हम इस
प्रक्रिया को पर्याप्त वक्त देने के लिए तैयार हैं?
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अगर आईवीएफ के
दौरान हम अंडे या स्पर्म डोनर की जरूरत पड़ती है तो क्या उस स्तिथि से सहमत हैं?
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आईवीएफ प्रक्रिया
के कई चरणों, जैसे पेग्नेंसी
टेस्ट करते समय, के दौरान घबराहट हो
सकती हैं क्या हम उसके लिए तैयार हैं?
·
हमें सरोगेट की
जरूरत भी पढ़ सकती है। क्या हम इस बात से सहमत हैं?
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आईवीएफ में कई बार
एक से ज्यादा प्रेगनेंसी भी हो सकती है। क्या हम ऐसी स्तिथि के लिए तैयार हैं?
·
क्या मेरे पास अपने
तनाव को कम करने के लिए कुछ उपाय हैं?
·
आईवीएफ प्रक्रिया
में अकसर बहुत समय लग सकता है। क्या हम इतने लंबे समय तक उपचार लेने के लिए तैयार
हैं?
इन सब सवालों के
जवाब देते वक्त यह बहुत जरूरी है की आप अपने आप से बिलकुल सच बोलें। साथ साथ यह भी
ध्यान रहें की इस प्रक्रिया के दौरान आपके डॉक्टर हमेशा आपके साथ हैं। आईवीएफ की
सफलता उन पर भी निर्भर करती है और वो हर चरण में आपके साथ होंगें। आईवीएफ डॉक्टरों
ने हजारों दंपत्ति को अपना बच्चा पाने में मदद की है और वो समझते हैं की आईवीएफ
मानसिक स्तर को कैसे प्रभावित करता है। इसलिए आपकी मदद के लिए कई सारी मानसिक
स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं। इसके साथ साथ आप ऐसे समूह में शामिल हो सकते हैं
जिसमे और दंपत्ति हो जो आईवीएफ इलाज ले रहे हो। ऐसे दंपत्तियों से आपको बहुत मदद
और टिप्पणी मिल सकती है।
आईवीएफ जंक्शन में
नेटवर्क पार्टनर हैं जो तनाव प्रबंधन में मदद करते हैं। आईवीएफ जंक्शन का
फर्टिलिटी ग्रुप आपको अपने आईवीएफ प्रश्नों को साझा करने के लिए एक जगह प्रदान
करता है, जिसका जवाब
विशेषज्ञों द्वारा दिया जाता है।
निष्कर्ष
हम आशा करते हैं की इस लेख से आपको अपने इस प्रश्न का उत्तर मिल
गया हो की – आईवीएफ के लिए कैसे तैयारी करते हैं? आईवीएफ एक ऐसी
प्रक्रिया है जो आपको शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक तरीके से चुनौती देती है। इसलिए बहुत जरूरी होता
है की आप अपने डॉक्टर और इस प्रक्रिया पर भरोसा रखें।
आप अपनी और मदद
करने के लिए इस विषय में किताबें पढ़ सकते हैं। अपने आप को हर चरण पर याद दिलाएं
की इतना लंबा और कठिन प्रक्रिया होने के बावजूद उसने सांकड़ों दंपत्ति को मां बाप
बनने में मदद की है और विज्ञान में तरक्की की वजह से यह प्रक्रिया और बेहतर भी हुई
है।
इसके अलावा अपने
डॉक्टर की सलाह को हमेशा माने। उन्होंने अपने जीवन के कई साल लगाने के बाद इस में
महारत हासिल की है। अच्छे से जान बूझ कर ही अपने लिए एक आईवीएफ डॉक्टर को चुने।
साथ साथ अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का बहुत ध्यान रखें।
जब आप विश्वास की
यह छलांग लगाते हैं, तो हम भारत में
उच्च योग्य आईवीएफ विशेषज्ञों की एक टीम के साथ इस प्रक्रिया में आपकी मदद करने के
लिए मौजूद हैं।
Source: https://ivfjunction.com/blog/how-to-prepare-for-ivf-in-hindi/
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