IVF Process in Hindi | समझिये आईवीएफ के द्वारा गर्भधारण की पूरी प्रकिया?
इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन में फर्टिलाइजेशन, एंब्रियो का विकास और इम्प्लांटेशन किया जाता है ताकि एक महिला प्रेग्नेंट हो सके। आईवीएफ को गर्भधारण से जुड़ी समस्या से निजात पाने के लिए सबसे बेहतरीन माना जाता है क्योंकि यह सालों से लोगों को सकारात्मक परिणाम दे रहा है। आईवीएफ का सक्सेस रेट काफी अच्छा है और यह सरल भी है। लोग इसके बारे में आज काफी कुछ जानते हैं और यही कारण है कि वह इससे डरते नहीं और ना ही उन्हें इससे संबंधित कोई संदेह होता है। आईवीएफ के द्वारा गर्भधारण की प्रकिया में स्पर्म को बॉडी से बाहर कल्चर में रखना होता है। लेकिन इसमें आईवीएफ से पहले और बाद में काफी कुछ होता है जिसे हमें अच्छे से जानने की जरूरत है। अब हम विभिन्न चरणों में इसे समझने की कोशिश करेंगे। आईवीएफ की प्रक्रिया का उपयोग निम्नलिखित के लिए किया जाता है: ओवुलेशन डिसऑर्डर – अगर ओवुलेशन ठीक से नहीं होता है या होता ही नहीं है तो ऐसे में फर्टिलाइजेशन के लिए कम अंडे ही उपलब्ध रहते हैं। यूटराइन फाइब्रॉयड – फाइब्रॉयड यूट्रस की वॉल पर एक बिनाइन ट्यूमर होता है और 30 से 40 साल की औरतों में आम तौर पर पाया जाता है। फाइ...